गुरुवार, 16 जुलाई 2009

मैक्रो

मैक्रो

देश के प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह राजभाषा हिन्दी की प्रगति व प्रचार-प्रसार हेतु अपना दैनिक पत्राचार हिन्दी में करें। इस संबंध में समस्त कार्यालयों को समय-समय पर सरकार आदेश भी जारी करती है कि हर सम्भव हिन्दी में कार्य के प्रतिशत को बढ़ाया जाए; लिफाफों पर पते हिन्दी में ही लिखें जाएं किन्तु ज्ञान के अभाव में राजभाषा प्रेमी चाह कर भी ऐसा करने में सफल नहीं हो पाते हैं। इस अंक में मैक्रो द्वारा हिन्दी के प्रयोग को प्रभावी रूप से बढ़ाने की विधि प्रस्तुत है।
इसके लिए वर्ड दस्तावेज के मेन्यू बार में टूल नामक मेन्यू को माउस द्वारा क्लिक करके सक्रिय कर लें। ऐसा करते ही टूल मेन्यू ओपन हो जाएगा जिसमें से मैक्रो मेन्यू को क्लिक करते हुए रिकार्ड न्यू मेन्यू को क्रियाशील कर लें।

ऐसा करते ही स्क्रीन पर रिकार्ड मैक्रो नामक डॉयलग बाक्स उभर आएगा जिसके की - बोर्ड विकल्प को माउस द्वारा क्लिक कर चुन लें।


अगले चरण में पूर्व की भॉंति ही स्क्रीन पर कस्टूमाइज की-बोर्ड नामक डॉयलग बाक्स प्रदर्षित हो जाएगा । अब आपरेटर ‘’प्रेस न्यू शार्ट की‘’ बॉक्स के खाली स्थान में की - बोर्ड में विद्यमान दो ऐसे कुँज्जियों को दबा कर कॉम्बिनेशन तैयार कर ले जिसे एक साथ दबानें से कम्प्यूटर स्वतः ही रिर्काडेड मैक्रो को वांच्छित दस्तावेज में प्रिंट कर दे। उदाहरण के लिए चित्र सं. ग में कान्ट्रोल + डी कॉम्बिनेशन कुंजी के रूप बनाया गया है । तदुपरान्त क्रमश: एस्साइन व क्लोज कुंजियों को क्लिक करें। अब स्क्रिन पर रिकार्डिंग स्टाप तथा रिकार्डिंग पॉज सूचक लघु डॉयलग बॉक्स आडियो कैसट के चित्र सहित प्रदर्शित होने लगेगा (चित्र सं. घ)
; इसके उपरान्त ऑपरेटर वह पाठ्य अथवा लोगो टाइप या पेस्ट कर दे जिसे वह मैक्रो के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है (चित्र सं. अः)। उदाहरणार्थ इस लेख में कान्ट्रोल + डी को कॉम्बिनेशन कुंजी के रूप बनाया गया है जब भी आपरेटर कॉम्बिनेशन कुंजी को एक साथ दबाएगा तो उक्त कॉम्बिनेशन कुंजी (की) हेतु नियत पाठ्य अथवा लोगो अर्थात (चित्र सं. अः) स्वतः ही दस्तावेज में प्रिन्ट हो जाएगा।

अब जब भी आपरेटर निर्धारित कॉम्बिनेशन कुंजी को एक साथ दबाएगा तो उक्त कॅाम्बिनेशन कुंजी हेतु नियत पाठ्य अथवा लोगो स्वतः ही दस्तावेज में प्रिन्ट हो जाएगा। इस तरह ऑपरेटर मनचाही संख्या में मैक्रो तैयार कर अपने कार्य को बड़ी सुगमता से अत्यंत अल्पावधि में निच्च्पादित करने में सक्षम हो सकता है।

गुरुवार, 2 जुलाई 2009

विन्डोज पीसी को कम्‍प्‍यूटर वायरस अथवा वर्म से कैसे बचाएं।

विन्डोज पीसी को कम्‍प्‍यूटर वायरस अथवा वर्म से कैसे बचाएं।

वर्तमान में असंख्य प्रकार के वायरस विद्यमान है जो कि आपके कम्‍प्‍यूटर के लिए खतरा सिद्ध हो सकते हैं । इनमें से कुछ घातक नहीं होते हैं परन्तु उनमें नुकसान पहुँचाने की क्षमता होती है। यह बड़ी सहजता से आपके सिस्टम से समस्त डेटा को नष्ट कर सकते हैं। इस आलेख में कम्‍प्‍यूटर को वायरस से बचाने के कुछ टिप्सस प्रस्तुत है।
1. ई-मेल के माध्यम से वायरस से संक्रमित होना सर्वाधिक आसान होता है। इसके लिए जब भी आप कोई मेल ओपन करें तो बिना सोच विचार के दिए गए लिंक को क्लिक न करें । मेल में दिए गए लिंक को तब तक नहीं क्लिक करे जब तक की आप यह ज्ञात अथवा सुनिश्चित न कर लें कि पूर्वोक्त लिंक का स्रोत विश्वसनीय है। इसमें ध्यान देने वाली दो प्रमुख बातें हैं:-
o आपको ऐसे लोगों से ई-मेल प्राप्त होता है जिन्हें आप नहीं जानते है। आप मेल ओपन करते हैं। मेल में आपसे किसी लिंक विशेष को क्लिक करने का आग्रह किया गया होता है और आप लिंक क्लिक करते है। बस यहीं आप वायरस का शिकार बन जाते हैं। प्राय: इस तरह के ई-मेल वायरस बैंक तथा कम्पनी आदि के नाम से जारी किए जाते हैं। कभी इनके बहकावे में न आएं।
o आपको ऐसे लोगों से ई-मेल प्राप्त होता है जिन्हें आप जानते हैं । इस अवस्था में वायारस अथवा वर्म स्‍वत: इस प्रकार के ई-मेल उत्पंन्न करते हैं । यह आपके मित्र के संक्रमित कम्‍प्‍यूटर से उसकी जानकारी के बैगर ही वायरस आपको आ सकता है। इस प्रकार के ई-मेल में लिखा होता है ‘’कृपया महत्वपूर्ण सूचना के लिए इस लिंक को क्लिक करें।’’ लिंक क्लिक करने का अर्थ है वायरस के प्रभाव में आना ।
2. ऐसे किसी पॉप-अप विन्डोच को क्लिक न करें जो आपको आपके शहर में किसी बड़ी दुघर्टना या काण्ड की अचानक घोषणा करें ! ऐसी स्थिति में हैकर आपके आई.पी.एड्रेस का उपयोग आपकी स्थिति अर्थात लोकेशन जानने के लिए करते हैं और ऐसे समाचार शीर्षक प्रदर्शित करते हैं कि आप अधिक जानने के लिए उस पॉप-अप विन्डो को क्लिक कर देते हैं। ( उदाहरण के लिए आपका शहर भूकंप की चपेट में ) यहीं आप गलती कर बैठतें हैं और वायरस का शिकार बन जाते हैं।
3. एमएस आउटलूक के संबंध में सावधान रहें:- आउटलूक अन्यं ई-मेल प्रोग्राम की अपेक्षा सहजता से वायरस का शिकार बन जाता है । अत: सक्षम एन्टी वायरस प्रोग्राम का प्रयोग सुनिश्चित करें। पेगासेस अथवा थन्डरबर्ड (मोजिला) अथवा वेब आधारित प्रोग्राम जैसे कि हॉटमेल अथवा याहू का प्रयोग करें।
4. एन्टी वायरस प्रोग्राम इन्‍स्‍टाल करें (उदाहरण के लिए नार्टन, एफ-सीक्यू‍र, सोपोस या मैकफी आदि ) इन एन्टी वायरसों के नि:शूल्क् अपडेट उपलब्ध रहते हैं । इन्हें आवधिक आधार पर अपडेट करते रहें तथा प्रत्येक सप्तांह अनिवार्य रूप से पूर्ण सिस्टम को स्कैन करें।
5. एन्टीआ – स्पायवेयर प्रोग्राम इन्‍सटाल करें (उदाहरण के लिए ऐड अवेयर एसई, विन्डोज डिफेन्डर आदि ) यह प्रोग्राम इन्टेरनेट मॉलवेयर तथा स्पायवेयर के विरूद्ध कार्य करते हैं। इन्हें एन्टी वायरस की भॉंति अपडेट करते रहें तथा प्रत्येक सप्ताह अनिवार्य रूप से पूर्ण सिस्टम को स्कैंन करें।
6. यदि कोई आपको ई-मेल के साथ एटैच्चामेन्ट भेजता है तो उसे बिना सोच- विचार के ओपन न करें। यदि एटैच्‍चमेन्ट पिक्चर, टैक्स्‍ट , अथवा ध्वनी फाइल (ऐसे एटैच्चटमेन्ट के एक्टेंशन .txt, .jpeg, .gif, .bmp, .tif, .mp3, .htm, .html, and .avi से समाप्त होते हैं) है तो आप सहजता से एटैच्चवमेन्ट (ओपन अथवा डाउनलोड करें क्योंकि एसे एक्सटेंशन वाले फाइल में वायरस रहने की सम्भावना नग्‍ण्‍य रहती है। उच्च जोखिम वाले फाइलों के एक्टेंशन .exe, .bat, and .vbs. आदि होता हैं। यदि कोई आपका जानकार आपको वर्ड फाइल मेल एटैच्चमेन्ट के रूप में भेजता है जो उसे ओपन करने के बजाय आप उस व्याक्ति विशेष से पूर्वोक्तो ई-मेल एटैच्चेमेन्ट भेजे जाने के बारे में पुष्टि कर लें। यदि पूर्वोक्तन मेल की पुष्टि हो जाती है तो उसे ओपन अथवा डाउनलोड करें।
इसके अतिरिक्ती .txt.vb or .jpg.exe जैसे दुगने एक्टेंशन वाले फाइलों से भी सावधान रहें क्योंकि सिस्टेम केवल दॉंयी ओर विद्यमान एक्टेंशन को ही पहचान कर फाइल रन करेगा। इस प्रक्रिया की आड़ में दुगने एक्टेंशन वाले फाइल जो वास्तव में वायरस होते हैं आपके सिस्टम में पैंठ बना लेते हैं।
7. अन्यक व्‍यक्तियों द्वारा दिए जाने वाले डिस्क का जहॉं तक सम्भव हो प्रयोग न करें क्योंकि उक्त में वायरस हो सकता है । आप उक्त डिस्क को अवश्य स्कै्न कर सकते हैं किन्तु् एन्टी वायरस शत-प्रतिशत सुरक्षा नहीं प्रदान कर सकते हैं। ऑटो रन आप्शन को डिसेबल करके रखे ताकि आप डिस्क‍ से कार्य करने से पूर्व उसे सुरक्षित विधि से वायरस हेतु स्कैन कर सकते हैं।
8. किसी भी पुराने वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड नहीं करें । केवल विश्वस्त एवं प्रतिष्टित वेबसाइट से ही सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें। केवल सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से ही जोखिम नहीं होता है बल्कि ऐसे वर्ड दस्तावेज या अन्य गैर – एचटीएमएल फाइल्स को भी डाउनलोड न करें जिनका एक्साटेंशन उपरोक्त अनुसार हों।
9. विन्डोज अपडेट को स्वचालित विधि से पैचेस एवं अपग्रेड डाउनलोड करने के लिए सेट करें। ऐसा करने पर आपका कम्‍प्‍यूटर स्व‍चालित विधि से अपडेट ऑपरेटिंग सिस्टम तथा इन्टरनेट एक्सोप्लोरर से डाउनलोड करेगा । यह अपडेट सिस्टम की सुरक्षा खामियों को समाप्त कर सिस्टम को संभावित वायरस संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करेंगे।
10. विविध नए वेब ब्राउजर का प्रयोग करें । फायरफॉक्स अथवा औपेरा आदि अन्य वेब ब्राउजर को इन्टरनेट एक्सप्लोरर की अपेक्षा वायरस से बेहतर सुरक्षा देना वाला वेब ब्राउजर माना जाता है ।
11. नवीनतम वायरस के बारे में जानकारी रखें ताकि आप सम्भावित वायरस संक्रमण के प्रति सचेत रह सकें।
12. सॉफ्टवेयर फायरवॉल का प्रयोग करें :- हार्डवेयर फायरवॉल होने के बावजूद भी सदैव नार्टन, मैक्फी , जोन लैब्स्-जोन अलार्म जैसे सॉफ्टवेयर फायरवॉल का प्रयोग करें।
13. चाहे जो भी डाउनलोड हो उसे स्कैन अवश्य करें । नए फाइलों को स्कैन करना आसान है ।
स्रोत:- http://www.wikihow.com/Avoid-Getting-a-Computer-Virus-or-Worm-on-Your-Windows-PC

बुधवार, 1 जुलाई 2009

वायरस से संक्रमित यू.एस.बी. ड्राइव को कैसे पहचाने तथा उससे बचाव के तरीके ।

वायरस से संक्रमित यू.एस.बी. ड्राइव को कैसे पहचाने तथा उससे बचाव के तरीके ।


1. कम्‍प्‍यूटर में यू.एस.बी. ड्राइव प्लाग इन करने के उपरान्त माय कम्‍प्‍यूटर को ओपन कर टूल मेनू से होते हुए फोल्डर ऑप्शन को क्लिक कर सक्रिय किया जाए। तदुपरान्त फोल्डेर ऑप्शन नामक एक विन्डो स्क्रिन पर उभर आएगा जिसमें क्रमश: जनरल, व्यू, फाइल टाइप्स तथा ऑफ लाइन फाइल्‍स आदि टैब बने प्राप्त होंगे। इनमें से ‘व्यू‍’ टैब को क्लिक करें। अब एडवान्स सेटिंग्स के अन्‍तर्गत आप ‘हिडन फाइल्स एण्ड फोल्डर’ बना पाएंगे जिसके नीचे ‘’शो हिडन फाइल्स एण्ड फोल्डर्स रेडियों बटन’’ को माउस से क्लिक कर दें।

2. अगले चरण में ‘’हाइड एक्सेटेंशन फार नोन फाइल्स टाइप’’ तथा ‘’हाइड प्रोटेक्टेडड ऑपरेटिंग सिस्टम फाइल्स’’ अनुदेश के आगे बने ‘’चेक मार्क बॉक्स।’’ में से चेक मार्क को क्लिक कर हटा दें और ‘’एप्प‍लाय’’ व ‘’ओ.के.’’ प्रेस बटन को दबा दें।

3. हिडन फाइल्स को एनेबल्ड करते ही आपके यू.एस.बी ड्राइव में विद्यमान वायरस दिखाई देने लगेंगे। यह सामान्यत: autorun.inf तथा p83gly.exe के रूप में होते हैं। इस autorun.inf में p83gly.exe फाइल को रन करने हेतु स्क्रिप्ट मौजूद होता है । जब भी उपयोगकर्ता ऑटो प्ले‍ अथवा डबल क्लिक कर यू.एस.बी. ओपन करता है यह वायरस सक्रिय हो जाता है।

4. इस विधि से वायरस को पहचान कर आप उसके निराकरण हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर सकते हैं।

यू.एस.बी. ड्राइव के माध्यम से वायरस के फैलाव को कैस रोकें ?

यू.एस.बी. ड्राइव के माध्यम से वायरस के फैलाव को कैस रोकें ?

सूचना क्रॉंति के युग में दिनों–दिन सूचना भंडारण के नए– नए उपकरण बाजार में आ रहे हैं। इन उपकरणों की प्रमुख विषेशता है इनकी बढ़ती भंडारण क्षमता व छोटा आकार । पूर्व में 4 जी.बी. क्षमता वाला हार्डडिस्कि प्रयोग में लाया जाता था जो आकार में काफी बड़ा होता था तथा जिसे अपने साथ ले जाना किसी मुसिबत से कम नहीं होता था किन्तु आज 60 जी.बी. क्षमता के उपकरण यू.एस.बी. ड्राइव के रूप में बाजार में छा गए हैं जो वजन में मात्र 30 से 50 ग्राम के हैं।
इन उपकरणों ने जहॉं सूचना को व्यंक्ति–विशेष की मुठ्ठी में समेट दिया वही कम्‍प्‍यूटर सिस्टम को हानि पहुँचाने वाले वायरस के वाहक भी बन गए हैं। इस लेख में इन्हीं वायरस से बचाव के विविध विधियों के संबंध में जानकारी प्रस्तुबत है ।
• सर्वप्रथम वायरस से घबराएं नहीं, उससे बचने का प्रयास करें।
• वायरस तथा वर्म यू.एस.बी. ड्राइव, आई-पॉड, सीडी, फ्लापि जैसे रिमूएबल मीडियम के द्वारा सहजता से फैलती हैं।
• यू.एस.बी.ड्राइव को फ्लैश ड्राइव, थम्ब ड्राइव, मेमरि स्टिक तथा एक्‍स्‍टर्नल यू.एस.बी. हार्डडिस्क के रूप में भी जाना जाता है।
• यद्यिपि अत्यन्त उच्चकोटि के एन्टीवायरस हमारे पास उपलब्ध हैं तथापि नीत नए– नए बनने वाले वायरस इन एन्टीवायरस से एक कदम आगे ही रहते हैं। अत: हम लोगों को यू.एस.बी.ड्राइव से कार्य करते समय सावधान रहना चाहिए । कुछ पूर्वोपाय निम्नानुसार हैं।
पूर्वोपाय :-



1. कदापि यू.एस.बी.ड्राइव को प्लवग इन करने के पश्चात उसे ऑटो रन नहीं होने दें। ऑटो रन का विकल्प आने के साथ कैन्सनल प्रेस बटन को माउस द्वारा क्लिक कर दें।
2. वायरस से संक्रमित पेन ड्राइव से बाचाव हेतु सर्वप्रथम माय कम्‍प्‍यूटर आयकन को क्लिक कर ओपन कर लें । अब रिमूएबल स्टोवरेज डिवाइस अर्थात यू.एस.बी. ड्राइव दिखाई देगा। इसे डबल क्लिक कर सक्रिय न करें। ऐसा करना घातक हो सकता है चूँकि इससे वायरस कम्‍प्‍यूटर में पैठ बना सकता है। यहाँ इस चित्र में ‘एफ’ ड्राइव रिमूएबल स्टोरेज डिवाइस अर्थात यू.एस.बी ड्राइव है। इसे सुरक्षित विधि से खोलने के लिए स्टार्ट मेनू से होते हुए रन नामक डॉस कमाण्ड को सक्रिय करें तथा रन कामण्ड में रिमूएबल स्टोरेज डिवाइस अर्थात यू.एस.बी. ड्राइव का लोकेशल लिखकर ओ.के. प्रेस बटन क्लिक कर दें। यहॉं इस चित्र में यू.एस.बी. ड्राइव का लोकेशन ‘एफ’ है।

3. अब यू.एस.बी. ड्राइव सुरक्षित विधि से ओपन हो जाएगा तथा आप इसमें से वॉंछित फाइल कम्‍प्‍यूटर में कॉपी कर सकते है ।
इस प्रक्रिया से पेन ड्राइव अथवा अन्या यू.एस.बी. ड्राइव ओपन करने से बहुत हद तक वायरस सक्रमण से बचाव संभव है। यह समय लेने वाली प्रक्रिया है किन्तु वायरस से अपने कम्‍प्‍यूटर को बचाने की एकमात्र सुरक्षित विधि है।