कम्प्यूटर वायरस किस प्रकार कार्य करता है।
सुनने में भले ही यह अजीब लगे परन्तु यह सूचना युग का अजूबा ही है । जहॉं एक ओर वायरस हमें असुरक्षिता को सहजता के साथ उजागर करते है वहीं दूसरी ओर यह भी प्रदर्शित करते हैं कि अत्यकन्तम परिष्कृत रूप से प्रोग्राम्ड किए गए वायरस कितना भयावह परिणाम दे सकता है । इसके प्रभाव से उत्पादकता दुष्प्रभावित होता है प्रतिदिन अरबो रूपयों की हानि हो सकती है।
उदाहरण के लिए विशेषज्ञों अनुमान लगाया कि वर्ष 2004 में मॉयडूम वर्म नामक वायरस ने मात्र एक दिन में ही लगभग 25 लाख कम्यू सक टरों को सक्रमित किया था । मार्च 1999 में प्रकाश में आया मलेसिया वर्म इतना घातक प्रभाववाला था कि इसने माक्रोसाफ्ट तथा अन्यक कई बड़ी कम्पनियों को उनका ई-मेल सिस्टेम पूर्ण रूप से तब तक बंद करने को मजबूर कर दिया जब तक उसकी पहचान एवं रोकथाम सुनिश्चित न किया जा सका । वर्ष 2000 में आया आई लब यू वायरस का प्रभाव भी बहुत कुछ इसी तरह का था । विशेषज्ञों के अनुमान अनुसार जनवरी 2007 में आए स्टार्म नामक वर्म ने 50 लाख कम्प्यूटर को अपने चपेटे में ले लिया ।
सामान्यंत: पाए जाने वाले वायरस निम्नकलिखित हैं :-
वायरस :- वास्त व में वायरस स्वीत: ही अत्यकन्तक छोटे सॉफ्टवेयर होते हैं , जो अन्य महत्व्पूर्ण प्रोग्राम के साथ जुड़ जोते हैं। उदाहरण के लिए एक वायरस स्प्रेुडशीट जैसे एक प्रोग्राम से एटैच्चत हो सकता है। जब- जब स्प्रेोडशीट प्रोग्राम रन होता है तब वायरस भी सक्रिय हो जाता है इसके साथ यह सिस्ट्म में विद्यमान अन्यर प्रोग्राम को सक्रमित करके अपनी संख्याल को बढ़ाता है
ई-मेल वायरस :- इस प्रकार के वायरस ई-मेल के साथ एटैच्चैमेन्ट के रूप में फैलते हैं तथा व्यफक्ति विशेष के ई-मेल में अतिक्रमण कर उसके एड्रेस बुक में विद्यमान ई-मेल कॉन्टेक्ट के माध्यैम से फैलते हैं। कुछ ई-मेल वायरस को सक्रिय होने के लिए डबल क्लिक करने की आवश्य कता भी नहीं होती यह तो मात्र उपयोगकर्ता द्वारा संक्रमित ई-मेल चेक करते समय प्रीव्यू् पेन में देखने मात्र से सक्रिय हो जाते हैं।
ट्रोजन हार्स :- इस श्रेणी के वायरसएक प्रकार का कम्प्यूटर प्रोग्राम होते हैं। ऐसे प्रोग्राम एक निश्चित कार्य करने का संदेश देते हैं परन्तु सक्रिय करने पर निदेशित कार्य न कर वास्तेव में आपके सिस्टम को हानि पहुँचने का कार्य करते हैं। इस प्रकार के वायरस आपका हार्ड डिस्कि भी इरेज कर देते हैं ।
वर्म :- वर्म साफ्टवेयर का अत्यपन्ति सूक्ष्मन अंश होते हैं, जो अपनी संख्याक में वृद्धि करने के लिए कम्यू कर टर नेटवर्क तथा सुरक्षा खामियों का लाभ अपनी संख्यास बढ़ाने के लिए करते हैं। यह नेटवर्क पर विद्यमान अन्य मशीन को खोजते हुए अन्या मशीन में भी अपनी पैठ बना लेता है । इस प्रकार यह अपनी संख्या बढ़ता रहता है।
यह ब्लॉग समर्पित है उन लोगों को जिन्हें अपनी राजभाषा हिन्दी से प्रेम है तथा तमाम कठिनाइयों के बावजूद भी उसकी प्रगति के लिए प्रयासरत है। जय हिन्द , जय भारत।
मंगलवार, 30 जून 2009
सोमवार, 29 जून 2009
दारू पीते मर्द
दारू पीते मर्द
तन धन इज्जत बबार्द करे, जो दारू पीते मर्द ।
बच्चों की चिन्ता न हो , ना समझे घरवालों का दर्द ।।
घरवालों का दर्द , उसकी रोज पिटाई करता ।
घर में देवे न एक पैसा, पति होने का दम भरता ।।
बाल मेवाती कहे , वह दिल ही दिल में रोती।
दिन भर खटती घर के काम , रात को भूखी सोती।।
देख पिता को दारू पीते, बच्चे जाते डर।
अनाप-श्नाप बकता फिरे, जो करना है सो कर।।
करना है सो कर, उल्टे - सीधे कर्म है करता ।
सुबह होश आने पर, अपनी करनी से मुकरता।।
बाल मेवाती कहे, नित मधुशाला में जाए।
बच्चे घर में भूखे सोते,यह दारू में रकम उड़ाए।।
लाखों के घर दोस्तों , दारू किए बर्बाद।
इसको गले लगाकर, कौन हुआ आबाद ।।
कौन हुआ आबाद, जब बाप ही गलत कर्म करता ।
बड़ा होकर बेटा भी, उसी राह पर चलता।।
बाल मेवाती कहे, इनको आकर कौन समझाए।
अपनी बर्बादी के खुद मालिक, किसको दोष लगाए।।
तन धन इज्जत बबार्द करे, जो दारू पीते मर्द ।
बच्चों की चिन्ता न हो , ना समझे घरवालों का दर्द ।।
घरवालों का दर्द , उसकी रोज पिटाई करता ।
घर में देवे न एक पैसा, पति होने का दम भरता ।।
बाल मेवाती कहे , वह दिल ही दिल में रोती।
दिन भर खटती घर के काम , रात को भूखी सोती।।
देख पिता को दारू पीते, बच्चे जाते डर।
अनाप-श्नाप बकता फिरे, जो करना है सो कर।।
करना है सो कर, उल्टे - सीधे कर्म है करता ।
सुबह होश आने पर, अपनी करनी से मुकरता।।
बाल मेवाती कहे, नित मधुशाला में जाए।
बच्चे घर में भूखे सोते,यह दारू में रकम उड़ाए।।
लाखों के घर दोस्तों , दारू किए बर्बाद।
इसको गले लगाकर, कौन हुआ आबाद ।।
कौन हुआ आबाद, जब बाप ही गलत कर्म करता ।
बड़ा होकर बेटा भी, उसी राह पर चलता।।
बाल मेवाती कहे, इनको आकर कौन समझाए।
अपनी बर्बादी के खुद मालिक, किसको दोष लगाए।।
हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा
।।दोहा।।
श्री गुरू चरण सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि।
बरनऊ रघुवर विमल जसु जो दायक फल चारि।।
सियावर रातचन्द्र की जय शरणम ।
शंकर हरि ओम।।
।। चौपाई।।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बलधामा।
अंजनी पुत्र पवन सुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केशा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा विराजै।
कॉंधे मूंज जनेऊ साजै।।
शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग बंदन।।
विद्यावान गुणी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज संवारे।।
लाय संजीवन लखन जियाये।
श्री रघुबीर हरिष उर लाये।।
सघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हारो यश गावैं।
अस कहि श्री पति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा।
नारद शारद सहित अहीशा।।
यम कुबेर दिगपाल जहॉं ते।
कवि कोविद कहि सके कहॉं ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय रा पर दीन्हा।।
तुम्हारो मन्त्र विभीषण माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्त्र याजन पर भानु।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहैं तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक ते कांपै।।
भूत पिशाच निकट नहीं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
संकट ते हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोर्ठ लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग प्रताप तुम्हारा।
है प्रसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु सन्त के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जन्म जन्म के दु:ख बिसरावै।।
अंतकाल रघुवर पुर जाई।
जहॉं जन्म हरि भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमरै हनुमत बलवीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरूदेव की नाईं।।
यह शत बार पाठ कर जोई।
छूटहि बंध महासुख होई।।
जो यह पढ़े हनुमान चलीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसी दास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
।।दोहा।।
पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरति रूप।।
राम लखन सीता सहित , हृदय बसहु सुर भूप।।
।। इति श्री हनुमान चालीसा।।
।।दोहा।।
श्री गुरू चरण सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि।
बरनऊ रघुवर विमल जसु जो दायक फल चारि।।
सियावर रातचन्द्र की जय शरणम ।
शंकर हरि ओम।।
।। चौपाई।।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बलधामा।
अंजनी पुत्र पवन सुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केशा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा विराजै।
कॉंधे मूंज जनेऊ साजै।।
शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग बंदन।।
विद्यावान गुणी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज संवारे।।
लाय संजीवन लखन जियाये।
श्री रघुबीर हरिष उर लाये।।
सघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हारो यश गावैं।
अस कहि श्री पति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा।
नारद शारद सहित अहीशा।।
यम कुबेर दिगपाल जहॉं ते।
कवि कोविद कहि सके कहॉं ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय रा पर दीन्हा।।
तुम्हारो मन्त्र विभीषण माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्त्र याजन पर भानु।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहैं तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक ते कांपै।।
भूत पिशाच निकट नहीं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
संकट ते हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोर्ठ लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग प्रताप तुम्हारा।
है प्रसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु सन्त के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जन्म जन्म के दु:ख बिसरावै।।
अंतकाल रघुवर पुर जाई।
जहॉं जन्म हरि भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमरै हनुमत बलवीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरूदेव की नाईं।।
यह शत बार पाठ कर जोई।
छूटहि बंध महासुख होई।।
जो यह पढ़े हनुमान चलीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसी दास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
।।दोहा।।
पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरति रूप।।
राम लखन सीता सहित , हृदय बसहु सुर भूप।।
।। इति श्री हनुमान चालीसा।।
शुक्रवार, 26 जून 2009
कम्प्यूटर क्यों फार्मेट करना चाहिए तथा इसका क्या महत्व है ?
कम्प्यूटर क्यों फार्मेट करना चाहिए तथा इसका क्या महत्व है ?
कम्प्यूटर फार्मेट करने का अर्थ है आपके कम्प्यूटर में विद्यमान पुराने समस्त डेटा से हाथ धोना । इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम, प्रोग्राम,ई-मेल, ड्राइव, चित्र आदि सभी कुछ का समावेश होता है । आपके प्रोग्राम के समस्त अपडेट नष्ट हो जाएंगे । वस्तुत: अपडेट ही नहीं बल्कि आपके सारे प्रोग्राम्स ही गायब हो जाएंगे। कम्प्यूटर की फार्मेटिंग अर्थात आपका कम्प्यूटर पूर्णत: नया बन जाएगा बिलकुल वैसा जैसा आपके द्वारा खरीदने के समय था। कम्प्यूटर फार्मेटिंग का तातर्र्प्य विद्यमान हार्डडिस्क की फार्मेटिंग से है। हार्डडिस्क आपके कम्प्यूटर का प्रमुख भंडारण कम्पोनेन्ट होता है तथा इसे सामान्यत: कम्प्यूटर के C ड्राइव के रूप में जाना जाता है।
कम्प्यूटर फार्मेट करने के कारण :-
* कम्प्यूटर में नया ऑपरेटिंग सिस्टम इन्स्टाल करने के लिए।
* मुख्य हार्ड डिस्क को नए हार्डडिस्क से प्रस्थापित किए जाने पर नए हार्डडिस्क को फार्मेट किया जाना हो।
* कभी-कभी आपका कम्प्यूटर आरम्भ नहीं होता है । ऐसी स्थिति में फार्मेटिंग इस समस्या का समाधान दे सकता है।
* गहन सॉफ्टेवयर संबंधी त्रुटि जिसे ठीक करना काफी दुरूह कार्य हो, तब फार्मेटिंग की आवश्यकता होती है।
* ऐन्टी वायरस के प्रयोग के बावजूद भी वायरस नहीं डिलिट होता हो, तब फार्मेटिंग से वायरस सामप्त हो जाता है।
कम्प्यूटर फार्मेटिंग संबंधी पूर्वोपाय :-
* कम्प्यूटर में विद्यमान महत्वपूर्ण फाइलों का बैकअप लिया जाना नितांत आवश्यक है। यह कम्प्यूटर फार्मेटिंग प्रक्रिया का सर्वाधिक कठिन एवं महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि यदि आप किसी महत्वपूर्ण फाइल का बैकअप लेना भूल जाते हैं वह फाइल आप पुन: नहीं प्राप्त कर सकते है।
* फार्मेटिंग हेतु आपको मूल सिस्टम डिस्क की आवश्यकता पड़ेगी। इसमें ड्राइवर डिस्क तथा विन्डोज ऑपरेटिंग डिस्क का समावेश होगा।
* वस्तुत: आपको फार्मेटिंग संबंधी समस्त जानकारियों को जानना होगा।
कम्प्यूटर फार्मेटिंग उपरान्त रिस्टोर किए जाने वाले प्रोग्राम एवं डेटा :
1. ऑपरेटिंग सिस्टम इन्स्टाल करने के पश्चात एन्टी वायरस सॉफ्टवेयर इन्स्टाल किया जाना नितांत आवश्यक है।
2. कम्प्यूटर में ड्राइवर इन्स्टाल करें । सामान्यत: यह ध्वनि,नेटवर्क एडाप्टर, डिसप्ले अथवा ग्राफिक्स ड्राइवर होते हैं।
3. इंटरनेट कनेक्शन स्थापित करें । इथरनेट कार्ड अथवा वायरलेस सिग्नल की पहचान हेतु आपके कम्प्यूटर में नेटवर्क एडाप्टर इन्स्टाल किया जाना परम आवश्यक है ।
4. एन्टीवायरस तथा आपके विन्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए अपडेट्स डाउनलोड करें।
5. आउटलुक एक्सप्रेस के माध्यम से ई-मेल एकाउन्ट स्थापित करें।
6. सेव किए गए सेटिंग्स को इम्पोर्ट करें I फार्मेटिंग पूर्व लिए गए बैकअप फाइलों को अपने कम्प्यूटर में रिस्टोर करें।
7. अन्य सभी प्रोग्राम को इन्स्टाल करें।
नोट :
* आप अपने कम्प्यूटर के मुख्य आपरेटिंग सिस्टम एवं डेटा को प्रभावित किए बिना स्पेयर हार्ड ड्राइव अथावा पोर्टेबल डिवाइस को फार्मेट कर सकते हैं ।
* अपने कम्प्यूटर को स्वच्छ रखने से बैकअप लेने में सहजता होती है। इस प्रकार आप जान सकते है कि कौन सी महत्वपूर्ण फाइल आपने कहाँ सेव की है तथा उसे आसानी से उसका बैकअप लिया जा सकता है।
कभी -कभी कम्प्यूटर फार्मेटिंग एक दुभर कार्य हो सकता है किन्तु यदि आप अपने कम्प्यूटर बैकअप लिए जाने योग्य महत्वपूर्ण फाइलों को उपयुक्त स्थान पर सेव करने की आदत बना लेंगे तो फार्मेटिंग प्रक्रिया कदापि जटिल कार्य नहीं होगा।
विन्डोज एक्स.पी.सी.डी. का प्रयोग कर कम्प्यूटर को किस प्रकार फार्मेट किया जाए
विन्डोज एक्स.पी. डिस्क बूटेबल सी .डी. होती है तथा यह फार्मेटिंग कार्य सहजता से करने में सहायक होती है। जैसे ही आप इसे सी.डी. रॉम में डालते हैं, यह स्वत: ही आरम्भ हो जाती है । फार्मेटिंग आरम्भ करने से पूर्व समस्त आवश्यक फाइलों का बैकअप लेना न भूलें। इस प्रक्रिया में यह ध्यान रखें कि आपके कम्प्यूटर के साथ प्राप्त सिस्टम डिस्क, डिसप्ले ड्रायवर, लेन ड्रायवर, यू.एस.बी.,आडियो ड्रायवरस आदि हो। यदि यह आपके पास नहीं हैं तो एक्स.पी. टूल्स नामक प्रोग्राम रन करें ; यह प्रोग्राम आपके कम्प्यूटर में विद्यमान समस्त आवश्यक ड्रायवरों को संचित करते हुए इएक्ससी फाइल का रूप प्रदान कर देगा। फार्मेटिंग उपरान्त इस इएक्ससी फाइल को सक्रिय करने पर इसके द्वारा आपके कम्प्यूटर में आवश्यक विविध ड्रायवर पुन: स्थापित हो जाएंगे।
ᅠ फार्मेटिंग प्रकिया
1. सर्वप्रथम आप अपना विंडोज एक्स.पी. सी.डी. कम्प्यूटर के सी.डी.रॉम ड्राइव में डालें ।
2. अपने कम्प्टर को रिस्टार्ट करें।
3. जब आपके कम्प्यूटर पर सी.डी. से बूट करने संबंधी निदेश प्रदर्शित होंगे तो, की-बोर्ड में विद्यमान किसी भी कुँजी को दबाएं।
4. यदि इस प्रकार का कोई निदेश नहीं प्रदर्शित होता है तो पुन: कम्प्यूटर को रिस्टार्ट करें।
5. अपने कम्प्यूटर के बायोस सेटिंग में जाएं ;सामान्यत: F1, F2, F10 अथवा डिलिट कुँजी दबाकर पूर्वोक्त सेटिंग में प्रवेश किया जा सकता है । यदि आप इस संबंध में निश्चित नहीं हैं तो स्टार्टअप के दौरान स्क्रीन पर प्रदर्शित निदेश को देखें । जो स्वत: ही निदेश प्रदान करेगा कि बायोस सेटिंग में प्रवेश करने के हेतु ............... कुँजी दबाएं। प्रदर्शित निदेश का पालन करते हुए आप तुरंत ही निदेशित कुँजी दबा दें । यदि ऐसा करने में आपसे चूक हो जाती है तो पुन: कम्प्यूटर को रिस्टार्ट करें। जैसे ही आप बायोस सेटअप में पहुँचते हैं वेसे ही आपको बूट सी.डी. को प्रथम बूट विकल्प बनाना होगा । अब उक्त सेटिंग को संचित कर एक्जिट बटन दबा दें।
6. अब अगले चरण में कम्प्यूटर पर नीले रंग की स्क्रीन उभर आएगी और फार्मेटिंग प्रक्रिया आरभ हो जाएगी।
7. अब विन्डोज एक्स.पी.संस्थापना के लिए एन्टर कुँजी दबाएं।
8. यदि आपके कम्प्यूटर में विन्डोज एक्स.पी.की प्रति विद्यमान है तथा उसे आप ओवरराइट करने के इच्छुक हैं तो निदेश प्राप्त होने के साथ ही एस्केप बटन दबाएं। बिना जाने-बुझे कदापि विन्डोज एक्स.पी. अन्य डायरेक्टरी में इन्स्टाल न करें ।
9. हार्डडिस्क का पार्टिशन बनाने के लिए की- बोर्ड पर विद्यमान C कुँजी दबाएं । ऐसा करते ही सिस्टम पार्टिशन साइज का उल्लेख करने हेतु निदेश देगा। यदि आप अपने 300 जी.बी. हार्डडिस्क का दो समान भाग में पार्टिशन करना चाहते है तो उसे 150-150 जी.बी. की संख्या का निदेशित स्थान पर टाइप करे दें। अन्यथा विन्डोज स्वयं ही हार्डडिस्क की न्यनतम क्षमता वाला पार्टिशन तैयार कर देगा। यदि आवश्यकता हो तो पुन: C दबाकर अलग पार्टिशन तैयार किया जा सकता है।
10. पार्टिशन डिलिट करने हेतु कुँजीपटल पर विद्यमान D कुँजी को दबाएं। पार्टिशन डिलिट करने के पुष्टि स्वरूप L कुँजी दबाएं।
12. अगले चरण में सिस्टम पार्टिशन विशेष में विन्डोज इन्स्टाल करने हेतु निदेश मॉगेगा । विन्डोज इन्स्टाल करने के लिए C: ड्राइव डिफाल्ट होता है । अत: उक्त का चयन कर इन्टर बटन दबाएं।
13. अब सिस्टम FAT32 अथवा NTFS में शीघ्र या सामान्य फार्मेट किए जाने हेतु निदेश मॉंगेगा। FAT32 विन्डोज 98 जैसे पुराने कम्प्यूटरों को सूट करता है जबकि NTFS नए को । अत: सिस्टम के कॉंफिग्रेशन अनुसार FAT32 अथवा NTFS विकल्प का चयन करें। ध्यान रखे की स्लो फार्मेट का विकल्प सदैव ही उपयुक्त होता है इसे लो लेवल फार्मेट के रूप में भी जाना जाता है तथा इसमें त्रुटि आने की सम्भावना कम होती है।
14. अब केवल आदेशों के अनुरूप कार्य करते जाएं और सिस्टम को अपना कार्य करते रहने दें।
15. कुछ समय पश्चात कम्प्यूटर स्वत: ही रिस्टार्ट होकर पुन: सी.डी. से बूट होगा । इस दौरान आप कोई भी कुँजी न दबाएं। सिस्टम को अपना कार्य करने दें। सिस्टम स्वत: सेटअप के विविध चरणों की प्रक्रिया पूर्ण करेगा।
16. सुनिश्चित कर लें कि विन्डोज एक्स.पी. सी.डी. का सीरियल नम्बर प्रविष्ट करने हेतु आपके पास तैयार हो । यह आपके को- सर्टिफिकेट में होता है जिसे सी.पी.यू. के बगल में स्टिकर के रूप में लगाया जाता है।
17. विन्डोज एक्स.पी.सी.डी. को सी.डी. रॉम ड्राइव से तब तक नहीं निकाले जब तक नए डेस्कटॉप एवं ऑयकन के साथ आरम्भ न हो जाए।
कम्प्यूटर फार्मेट करने का अर्थ है आपके कम्प्यूटर में विद्यमान पुराने समस्त डेटा से हाथ धोना । इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम, प्रोग्राम,ई-मेल, ड्राइव, चित्र आदि सभी कुछ का समावेश होता है । आपके प्रोग्राम के समस्त अपडेट नष्ट हो जाएंगे । वस्तुत: अपडेट ही नहीं बल्कि आपके सारे प्रोग्राम्स ही गायब हो जाएंगे। कम्प्यूटर की फार्मेटिंग अर्थात आपका कम्प्यूटर पूर्णत: नया बन जाएगा बिलकुल वैसा जैसा आपके द्वारा खरीदने के समय था। कम्प्यूटर फार्मेटिंग का तातर्र्प्य विद्यमान हार्डडिस्क की फार्मेटिंग से है। हार्डडिस्क आपके कम्प्यूटर का प्रमुख भंडारण कम्पोनेन्ट होता है तथा इसे सामान्यत: कम्प्यूटर के C ड्राइव के रूप में जाना जाता है।
कम्प्यूटर फार्मेट करने के कारण :-
* कम्प्यूटर में नया ऑपरेटिंग सिस्टम इन्स्टाल करने के लिए।
* मुख्य हार्ड डिस्क को नए हार्डडिस्क से प्रस्थापित किए जाने पर नए हार्डडिस्क को फार्मेट किया जाना हो।
* कभी-कभी आपका कम्प्यूटर आरम्भ नहीं होता है । ऐसी स्थिति में फार्मेटिंग इस समस्या का समाधान दे सकता है।
* गहन सॉफ्टेवयर संबंधी त्रुटि जिसे ठीक करना काफी दुरूह कार्य हो, तब फार्मेटिंग की आवश्यकता होती है।
* ऐन्टी वायरस के प्रयोग के बावजूद भी वायरस नहीं डिलिट होता हो, तब फार्मेटिंग से वायरस सामप्त हो जाता है।
कम्प्यूटर फार्मेटिंग संबंधी पूर्वोपाय :-
* कम्प्यूटर में विद्यमान महत्वपूर्ण फाइलों का बैकअप लिया जाना नितांत आवश्यक है। यह कम्प्यूटर फार्मेटिंग प्रक्रिया का सर्वाधिक कठिन एवं महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि यदि आप किसी महत्वपूर्ण फाइल का बैकअप लेना भूल जाते हैं वह फाइल आप पुन: नहीं प्राप्त कर सकते है।
* फार्मेटिंग हेतु आपको मूल सिस्टम डिस्क की आवश्यकता पड़ेगी। इसमें ड्राइवर डिस्क तथा विन्डोज ऑपरेटिंग डिस्क का समावेश होगा।
* वस्तुत: आपको फार्मेटिंग संबंधी समस्त जानकारियों को जानना होगा।
कम्प्यूटर फार्मेटिंग उपरान्त रिस्टोर किए जाने वाले प्रोग्राम एवं डेटा :
1. ऑपरेटिंग सिस्टम इन्स्टाल करने के पश्चात एन्टी वायरस सॉफ्टवेयर इन्स्टाल किया जाना नितांत आवश्यक है।
2. कम्प्यूटर में ड्राइवर इन्स्टाल करें । सामान्यत: यह ध्वनि,नेटवर्क एडाप्टर, डिसप्ले अथवा ग्राफिक्स ड्राइवर होते हैं।
3. इंटरनेट कनेक्शन स्थापित करें । इथरनेट कार्ड अथवा वायरलेस सिग्नल की पहचान हेतु आपके कम्प्यूटर में नेटवर्क एडाप्टर इन्स्टाल किया जाना परम आवश्यक है ।
4. एन्टीवायरस तथा आपके विन्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए अपडेट्स डाउनलोड करें।
5. आउटलुक एक्सप्रेस के माध्यम से ई-मेल एकाउन्ट स्थापित करें।
6. सेव किए गए सेटिंग्स को इम्पोर्ट करें I फार्मेटिंग पूर्व लिए गए बैकअप फाइलों को अपने कम्प्यूटर में रिस्टोर करें।
7. अन्य सभी प्रोग्राम को इन्स्टाल करें।
नोट :
* आप अपने कम्प्यूटर के मुख्य आपरेटिंग सिस्टम एवं डेटा को प्रभावित किए बिना स्पेयर हार्ड ड्राइव अथावा पोर्टेबल डिवाइस को फार्मेट कर सकते हैं ।
* अपने कम्प्यूटर को स्वच्छ रखने से बैकअप लेने में सहजता होती है। इस प्रकार आप जान सकते है कि कौन सी महत्वपूर्ण फाइल आपने कहाँ सेव की है तथा उसे आसानी से उसका बैकअप लिया जा सकता है।
कभी -कभी कम्प्यूटर फार्मेटिंग एक दुभर कार्य हो सकता है किन्तु यदि आप अपने कम्प्यूटर बैकअप लिए जाने योग्य महत्वपूर्ण फाइलों को उपयुक्त स्थान पर सेव करने की आदत बना लेंगे तो फार्मेटिंग प्रक्रिया कदापि जटिल कार्य नहीं होगा।
विन्डोज एक्स.पी.सी.डी. का प्रयोग कर कम्प्यूटर को किस प्रकार फार्मेट किया जाए
विन्डोज एक्स.पी. डिस्क बूटेबल सी .डी. होती है तथा यह फार्मेटिंग कार्य सहजता से करने में सहायक होती है। जैसे ही आप इसे सी.डी. रॉम में डालते हैं, यह स्वत: ही आरम्भ हो जाती है । फार्मेटिंग आरम्भ करने से पूर्व समस्त आवश्यक फाइलों का बैकअप लेना न भूलें। इस प्रक्रिया में यह ध्यान रखें कि आपके कम्प्यूटर के साथ प्राप्त सिस्टम डिस्क, डिसप्ले ड्रायवर, लेन ड्रायवर, यू.एस.बी.,आडियो ड्रायवरस आदि हो। यदि यह आपके पास नहीं हैं तो एक्स.पी. टूल्स नामक प्रोग्राम रन करें ; यह प्रोग्राम आपके कम्प्यूटर में विद्यमान समस्त आवश्यक ड्रायवरों को संचित करते हुए इएक्ससी फाइल का रूप प्रदान कर देगा। फार्मेटिंग उपरान्त इस इएक्ससी फाइल को सक्रिय करने पर इसके द्वारा आपके कम्प्यूटर में आवश्यक विविध ड्रायवर पुन: स्थापित हो जाएंगे।
ᅠ फार्मेटिंग प्रकिया
1. सर्वप्रथम आप अपना विंडोज एक्स.पी. सी.डी. कम्प्यूटर के सी.डी.रॉम ड्राइव में डालें ।
2. अपने कम्प्टर को रिस्टार्ट करें।
3. जब आपके कम्प्यूटर पर सी.डी. से बूट करने संबंधी निदेश प्रदर्शित होंगे तो, की-बोर्ड में विद्यमान किसी भी कुँजी को दबाएं।
4. यदि इस प्रकार का कोई निदेश नहीं प्रदर्शित होता है तो पुन: कम्प्यूटर को रिस्टार्ट करें।
5. अपने कम्प्यूटर के बायोस सेटिंग में जाएं ;सामान्यत: F1, F2, F10 अथवा डिलिट कुँजी दबाकर पूर्वोक्त सेटिंग में प्रवेश किया जा सकता है । यदि आप इस संबंध में निश्चित नहीं हैं तो स्टार्टअप के दौरान स्क्रीन पर प्रदर्शित निदेश को देखें । जो स्वत: ही निदेश प्रदान करेगा कि बायोस सेटिंग में प्रवेश करने के हेतु ............... कुँजी दबाएं। प्रदर्शित निदेश का पालन करते हुए आप तुरंत ही निदेशित कुँजी दबा दें । यदि ऐसा करने में आपसे चूक हो जाती है तो पुन: कम्प्यूटर को रिस्टार्ट करें। जैसे ही आप बायोस सेटअप में पहुँचते हैं वेसे ही आपको बूट सी.डी. को प्रथम बूट विकल्प बनाना होगा । अब उक्त सेटिंग को संचित कर एक्जिट बटन दबा दें।
6. अब अगले चरण में कम्प्यूटर पर नीले रंग की स्क्रीन उभर आएगी और फार्मेटिंग प्रक्रिया आरभ हो जाएगी।
7. अब विन्डोज एक्स.पी.संस्थापना के लिए एन्टर कुँजी दबाएं।
8. यदि आपके कम्प्यूटर में विन्डोज एक्स.पी.की प्रति विद्यमान है तथा उसे आप ओवरराइट करने के इच्छुक हैं तो निदेश प्राप्त होने के साथ ही एस्केप बटन दबाएं। बिना जाने-बुझे कदापि विन्डोज एक्स.पी. अन्य डायरेक्टरी में इन्स्टाल न करें ।
9. हार्डडिस्क का पार्टिशन बनाने के लिए की- बोर्ड पर विद्यमान C कुँजी दबाएं । ऐसा करते ही सिस्टम पार्टिशन साइज का उल्लेख करने हेतु निदेश देगा। यदि आप अपने 300 जी.बी. हार्डडिस्क का दो समान भाग में पार्टिशन करना चाहते है तो उसे 150-150 जी.बी. की संख्या का निदेशित स्थान पर टाइप करे दें। अन्यथा विन्डोज स्वयं ही हार्डडिस्क की न्यनतम क्षमता वाला पार्टिशन तैयार कर देगा। यदि आवश्यकता हो तो पुन: C दबाकर अलग पार्टिशन तैयार किया जा सकता है।
10. पार्टिशन डिलिट करने हेतु कुँजीपटल पर विद्यमान D कुँजी को दबाएं। पार्टिशन डिलिट करने के पुष्टि स्वरूप L कुँजी दबाएं।
12. अगले चरण में सिस्टम पार्टिशन विशेष में विन्डोज इन्स्टाल करने हेतु निदेश मॉगेगा । विन्डोज इन्स्टाल करने के लिए C: ड्राइव डिफाल्ट होता है । अत: उक्त का चयन कर इन्टर बटन दबाएं।
13. अब सिस्टम FAT32 अथवा NTFS में शीघ्र या सामान्य फार्मेट किए जाने हेतु निदेश मॉंगेगा। FAT32 विन्डोज 98 जैसे पुराने कम्प्यूटरों को सूट करता है जबकि NTFS नए को । अत: सिस्टम के कॉंफिग्रेशन अनुसार FAT32 अथवा NTFS विकल्प का चयन करें। ध्यान रखे की स्लो फार्मेट का विकल्प सदैव ही उपयुक्त होता है इसे लो लेवल फार्मेट के रूप में भी जाना जाता है तथा इसमें त्रुटि आने की सम्भावना कम होती है।
14. अब केवल आदेशों के अनुरूप कार्य करते जाएं और सिस्टम को अपना कार्य करते रहने दें।
15. कुछ समय पश्चात कम्प्यूटर स्वत: ही रिस्टार्ट होकर पुन: सी.डी. से बूट होगा । इस दौरान आप कोई भी कुँजी न दबाएं। सिस्टम को अपना कार्य करने दें। सिस्टम स्वत: सेटअप के विविध चरणों की प्रक्रिया पूर्ण करेगा।
16. सुनिश्चित कर लें कि विन्डोज एक्स.पी. सी.डी. का सीरियल नम्बर प्रविष्ट करने हेतु आपके पास तैयार हो । यह आपके को- सर्टिफिकेट में होता है जिसे सी.पी.यू. के बगल में स्टिकर के रूप में लगाया जाता है।
17. विन्डोज एक्स.पी.सी.डी. को सी.डी. रॉम ड्राइव से तब तक नहीं निकाले जब तक नए डेस्कटॉप एवं ऑयकन के साथ आरम्भ न हो जाए।
शनिवार, 13 जून 2009
सदस्यता लें
संदेश (Atom)