नेता की आत्मा
यमदूत और यमराज का वार्तालाप
यमलोक में यमदूत से , बोल रहे यमराज।
एक दलबदलू नेता , जग से विदा हो रहा आज।।
विदा हो रहा आज, तुम फौरन भारत में जाओं।
दिल्ली जा के, संसद भवन के चक्कर आप लगाओ।।
बाल मेवाती कहे, आत्मां संसद में घुस न पाए।
सांसदों से मिल, कहीं रिश्व त खाए और खिलाए।।
यमराज की बाते सून बोला यम का दूत।
दलबदलू नेता की हम, खूब सूनी करतूत।।
खूब सूनी करतूत , उनकी तो मर चुकी है आत्मा।
क्यों मजाक करते हो हमसे, आप मेरे परमात्मा ।।
बाल मेवाती कहे, नेताओं में आत्माआ कहाँ से आई ।
ऊपर से सफेदपोश, भीतर से बढ़ रही खाई।।
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