सोमवार, 20 अप्रैल 2009

उस देश का यारों क्या. होगा

उस देश का यारों क्या होगा


जिस देश का अनपढ़ बचपन हो, उस देश का यारों क्या होगा।
जिस देश में फैला कुपोषण हो , उस देश का यारों क्याक होगा।।
जहॉं मात-पिता का आदर नहीं, गुरूजन का सत्कार नहीं।
जहॉं भाई-भाई में प्यानर नहीं उस देश का यारों क्या होगा।।
चेहरे पर नकली सूरत हो, मंदीर में असली मूरत हो।
जहॉं भक्ति की न जरूरत हो, उस देश का यारों क्या होगा।।

जहॉं अबला जलाई जातीं हों, दहेज के कारण सताई जातीं हों।
महफिल में नंगी नचाई जातीं हों, उस देश का यारों क्याय होगा।।
जहॉं रक्षक भक्षक होते हों, मानव भय से जीते हों।
फुटपाथ पर बच्चेक भुखे रोते हों, उस देश का यारों क्याा होगा।।

जहॉं सच्चे जन पर गाज गिरे,मुजरिम जहॉं पर राज करें।
जहॉं नेता उल्टाक काज करें, उस देश का यारों क्याा होगा।।
जहॉं छल से वोट पड़ते हों, चुनाव में नोट बटते हों।
जहॉं दबंगता से 'बूथ' लुटते हों, उस देश का यारों क्या। होगा।।

जहॉं घोटाले पर घोटाले होते हों, जहॉं मंत्री चारा खाते हों।
जहॉं कृषक के बच्चे भूखे सोते हों, उस देश का यारों क्यां होगा।।
जहॉं कूर्सी की खीचातानी हों,नेता करते अपनी मनमानी हों।
पहरेदारों के दिल बसी हुई बेईमानी हो, उस देश का यारों क्या होगा।।

जहॉं आतंकवाद की आँधी हों, जहॉं प्रान्तावाद की व्यायधी हों ।
जहॉं सम्प्रददायिकता जैसी सुनामी हों, उस देश का यारों क्याय होगा।।
जहॉं बा‍हुबलियों का बोलबाला हों, उस देश का कौन रखवाला हों।
जहॉं 'मेवाती' जैसा लेखक हों, उस देश का यारों क्या। होगा।।

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