रविवार, 19 अप्रैल 2009

प्रिन्टर

आज कम्प्यूटर एवं उसके सहायक उपकरण मात्र करपोरेट जगत, औद्योगिक संस्थानों तथा सरकारी कार्यालयों में ही नहीं बल्कि सर्वसाधारण लोगों के घरों में भी अपनी जगह बना चुके हैं । वर्तमान प्रतिस्पर्धात्मक युग में सहायक उपकरण के रुप में प्रिंटर भी उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है जितना की कम्प्यूटर। प्रिंटर कम्प्यूटर में संचित (सेव) डेटा / ग्राफिक्स को कागज पर प्रिंट करने का कार्य करता है। इस अंक में प्रिंटर तथा उसके रख-रखाव से संबंधित जानकारियाँ प्रस्तुत है ।

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर :- यह अत्यंत लोकप्रिय प्रिंटर है । इसके प्रिंटिंग हेड में सीधे रेखा में पिने लगी रहती हैं, जो प्रिंटर रोलर के ऊपर बाईं से दायीं तथा दायीं ओर से बाईं ओर चलती हैं । प्रिंटिंग हेड तथा प्रिंटर रोलर के मध्य रिबन तथा पेपर लगा होता है । ऑपरेटर द्वा रा डेटा अथवा ग्राफिक्स प्रिंट करने का निदेश प्राप्त होते ही प्रिंटिंग हेड की पिने आगे - पीछे होकर रिबन तथा पेपर पर दबाव डालते हुए - वांछित डेटा / ग्राफिक्स प्रिंट करने लगति हैं । यह प्रिंटर तेज गति से अधिक प्रिंट लेने का कार्य करता है । प्राय: डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का प्रयोग ग्राफिक्स प्रिंट करने में नहीं होता है ।

इस प्रिंटर पर कार्य करते समय उपयोगकर्ता को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:-

यदि सिंगल पेपर पर प्रिंट लिया जाना है तो प्रिंटर पर लगे लीवर की स्थिति सिंगल पेपर पर ही सेट करें । कन्टिन्यूअस पेपर पर प्रिंट लिया जाना हो तो प्रिंटर के लीवर को उपयुक्त स्थान पर सेट करें। इसके अतिरिक्त यदि 3 पार्ट पेपर पर प्रिंट निकालना है तो प्रिंटर की दायीं ओर अंकित च् 1,2,3,4छ निशान में से लीवर को 3 पर सेट करें। इसी प्रकार पेपर की संख्यानुसार लीवर को उपयुक्त अंक पर सेट करना चाहिए। कार्य समाप्ति पश्चात प्रिंटर का स्विच ऑफ कर दें और धूल कणों, सूर्य की सीधी किरणों तथा गर्म वातावरण से बचाएं। वर्तमान में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर से विभिन्न प्रकार के प्री- प्रिंटेड स्टेशनरी पर भी प्रिन्ट निकाला जाता है। ऐसी स्थिति में विशष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है । उदाहरण के लिए यदि हमें एक ही निदेश से प्री - प्रिटेड स्टेशनरी पर कई प्रिंट आउट निकालने हों तो प्रिंटर को स्विच ऑफ कर नए सिरे से स्विच ऑन करें अर्थात जब भी नया प्रिंट, प्री प्रिंटेड स्टेशनरी पर देने की आवश्यकता हो तो प्रिंटर को रिसेट कर देना चाहिए इससे प्रिंटिंग में त्रुटि की सम्भावना नहीं रहती है।

इंकजेट प्रिंटर :- इंकजेट प्रिंटर के प्रिंटिंग हेड में पिनों के स्थान पर अनेक सूक्ष्म फव्वारे लगे होते हैं जो प्रिंटर स्थित कार्ट्रिज से पेपर पर स्याही का छिड़काव कर वांछित डेटा / ग्राफिक्स प्रिंट करते हैं । इंकजेट प्रिंटर में काले तथा रंगीन दोनों प्रकार के कार्ट्रिज लगें होते हैं । यह प्रिंटर प्रति मिनट 04 पेपर प्रिंट करनें में सक्षम है। इस प्रिंटर की प्रिंटिंग क्वालिटी डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर से काफी अच्छी होती है किन्तु प्रिंटिंग का खर्च डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर से काफी अधिक होता है इसलिए इंकजेट प्रिंटर को धूल कणों, सूर्य की सीधी किरणों तथा गर्म वातावरण से बचाना अत्यंत आवश्यक है। इंकजेट प्रिंटर से मानक आकार के जेरॉक्स पेपर पर ही प्रिंटिंग होती है ।

इस प्रिंटर पर कार्य करते समय उपयोगकर्ता को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए :-

इसमें प्रयुक्त किए जाने वाले पेपर मानक आकार के एवं समतल होने चाहिए; पेपर में नमी नहीं होनी चाहिए अन्यथा प्रिंटिंग के दौरान पेपर के फँसने का जोखिम बन जाता है। चूँकि इंकजेट कार्ट्रिज का मूल्य बहुत अधिक होता है अत: मसौदा या कम महत्व के डेटा तथा ग्राफिक्स का प्रिंट लेने के दौरान सदैव ड्राफ्ट मोड में प्रिंट आउट लें जिससे कार्ट्रिज की खपत कम होगी ।

कई अवसरों पर प्रिंटिंग का निदेश दिए जाने पर प्रिंटर वांछित डेटा / ग्राफिक्स न प्रिंट कर कुछ अस्पष्ट आकृतियाँ प्रिंट कर देता है । ऐसी स्थिति में प्रिंटर स्विच ऑफ कर प्रिंट कैंसल तथा प्रिंट रीट्रे का विकल्प कम्प्यूटर पर स्वत: आनें दें । विकल्प आने पर प्रिंटिग के निदेशों को कैंसल कर पुन: प्रिंटर का स्विच ऑन कर दें । यदि इसके बाद भी प्रिंटर वांछित परिणाम नहीं दे तो कम्प्यूटर तथा प्रिंटर दोनों को स्विच ऑफ कर रीस्टार्ट करें ।

उपयुक्त युक्तियों का अपनाने के पश्चात भी प्रिंटर अपेक्षित डेटा/ ग्राफिक्स न प्रिंट करें तो अवश्य जाँचे की आप द्वारा सही प्रिंटर का चयन किया गया है या नहीं । उदाहरण के लिए आप इंकजेट प्रिंट का निदेश देते सम् ाय डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का विकल्प चयन किया हो ।

लेजर प्रिंटर :- यह प्रिंटर डेटा और ग्राफिक्स अर्थात चित्रों का बड़ी सुन्दरता से साधारण पेपर के साथ-साथ प्लास्टिक शीट पर भी प्रिन्ट करने में सक्षम है । इस प्रिंटर के कार्य करने का तरीका बहुत हद तक जेरॉक्स मशीन की भाँति ही होता है । अत: इसमें भी जेरॉक्स मशीन की तरह ही विद्युत की खपत भी बहुत अधिक होती है । लेजर प्रिंटर द्वारा डेटा और ग्राफिक्स की छपाई अत्यन्त सूक्ष्म बिन्दुओं के रुप में होती है। इसमें भी जेरॉक्स मशीन की तरह ही टोनर की व्यवस्था होती है। एक साधारण लेजर प्रिंटर प्रति इंच 600 बिन्दु तथा व्यावसायिक लेजर प्रिंटर ्‌प्रति इंच 1200 बिन्दु की सघनतानुसार डेटा एवं ग्रॉफिक्स प्रिंट कर सकता है । लेजर प्रिंटर से उच्चकोटि का रंगीन प्रिंट-आउट भी प्राप्त किया जा सकता है किन्तु यह बहुत खर्चीला होता है; यह प्रिंटर सामान्यत: एक मिनट के 10 से 20 पेपर प्रिंट करनें मे पूर्णत: सक्षम होता है; चूँकि लेजर प्रिंटर बिना आघात के प्रिंटिंग करते हैं इसिलिए प्रिंटिंग के दौरान कोई आवाज नहीं होती है । इस तरह के प्रिंटरों की प्रिंटिंग क्वालिटी डॉट मैट्रिक्स तथा इंकजेट प्रिंटरों की प्रिंटिंग से कई गुना अच्छी होती है यही कारण है कि इसका मूल्य अन्य प्रिंटरों से काफी अधिक है ।

लेजर प्रिंटर पर कार्य करते समय उपयोगकर्ता को निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए :-
लेजर प्रिंटर को धूल कणों, सूर्य की सीधी किरणों तथा गर्म वातावरण से बचाना अत्यंत आवश्यक है । प्रिंटिंग क्वालिटी के इंकजेट प्रिंटर से अत्यंत उत्कृष्ट होने के कारण इस मशीन का मूल्य बहुत अधिक होता है। अत: मासौदा या कम महत्व के डेटा तथा ग्राफिक्स का प्रिंट लेने के दौरान सदैव ड्राफ्ट मोड में ही प्रिंट आउट लें । कभी कभी बहुत सारे प्रिंट आउट लगातार निकालने पर प्रिंटर गर्म हो जाता है ऐसी स्थिति में थोड़े समय के लिए प्रिंटर को स्विच ऑफ कर ठण्डा होने देना चाहिए और फिर प्रिंटिंग कार्य आरम्भ करना चाहिए। इस प्रिंटर से भी कार्य करते वक्त सही प्रिंटर का चयन करना आवश्यक है अन्यथा वांछित डेटा / ग्राफिक्स का प्रिंट आउट नहीं निकलेगा ।

1 टिप्पणी: