सोमवार, 20 अप्रैल 2009

गीत

मेरे दिल की धड़कन में
मेरे दिल की धड़कन में क्यों शोर मचाते हो,
मुझे अपना बनाने की क्यों आस जगाते हो
ओ जानू ऽऽऽ ओ जानूऽऽऽ

तुम पास जो होते हो चाँद कितना करीब लगता है,
तारों में घिरे रहने का हर ख्वाब हसीं लगता है
मरे ख्वाब में आकर क्यों नींद चुराते हो
मुझे अपना बनाने की क्यों आस जगाते हो
ओ जानू ऽऽऽ ओ जानूऽऽऽ


मेरी सुबह तुम्हीं हो जानम
मेरी शाम तुम्हीं हो जानम
मेरे जीवन के हर पल का अहसास तुम्ही हो जानम
मेरी तन्हा रातों में क्यों दिए जलाते हो
मुझे अपना बनाने की क्यों आस जगाते हो
ओ जानू ऽऽऽ ओ जानूऽऽऽ


पास आओं के सजना तुम बिन
कहीं दिल नहीं लगता मेरा
हर वक्त तुम्हीं को सोचूं
अब दिल पर नहीं बस मेरा
क्यों दूर ही से तुम ऐसी अगन लगाते हो
मुझे अपना बनाने की क्यों आस जगाते हो
ओ जानू ऽऽऽ ओ जानूऽऽऽ

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